🌹 बुद्ध के तत्व और सिद्धांतों के आदर्श 🌹 आज इस भौतिक युग में अपने ही तुच्छ निहित स्वार्थ में लिप्त रहने की स्थिति में स्वकेंद्रीत एवम व्यक्तिगत संकीर्णताओं से ऊपर उठकर सम्पूर्ण विश्वहित को सोचने के लिए तत्पर करने हेतु विश्वशांति का सन्देश देने वाले गौतम बुद्ध के तत्व और सिद्धांत दुनिया को बचा सकते है। प्रेम, करुणा, दया, वात्सल्य, साहस आदि गुणों को विकसित कर मनुष्य जीवन को दिव्यता प्रदान करने की अपूर्व शक्ति गौतम बुद्ध के सिखाए हुए तत्व एवम सिद्धांतों से मिलती है। वसुधैव कुटुंबकम् और सर्वेभ वंतु सुखिया, सर्वे संतु निरामया। यह आदर्श हमे बौद्ध धर्म के तत्वों से मिलता है। बौद्ध धर्म के तत्वों एवम सिद्धांतों का पालन करने से व्यक्ति स्वत्व से ऊपर उठकर विश्व कल्याण, विश्व बंधुत्व की कामना करता है। गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए अष्टांग मार्ग, त्रिरत्न और पंचशील का आचरण दिशाहीन मानवता को एक नई दृष्टि प्रदान करने में सक्षम है। बौद्ध धर्म का उद्देश्य मनुष्य को सुसंस्कृत मनुष्य बनाना है। मानव में वह चेतना उत्पन्न करना है, जिससे वह सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त शांति प्रेम एवम सहिष्णुता का तथा अपने कर्तव्यों व आदर्शो का सुंदरता से पालन कर सके तथा मानव जीवन में, समाज में, परिवार में, राष्ट्र में, विश्व में सुसंवादिता का स्तर भर दे। बुद्ध तत्व पारस्परिक सम्बंध को सुधरने तथा धरती पर न्याय एवम शान्ति स्थापित करने की दिशा में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कर सकता है। और करता भी आया है। आज अस्त्र शस्त्र निर्माण की होड़ देशों में लगी हुई है। दहशतवाद, आतंकवाद, नक्सलवाद, बढ़ती हिंसा, युद्ध ऐसी विकट समस्याएं बढ़ती ही जा रही है। लेकिन विश्वभर में आम जनता त्रस्त है और इनसे पूरी तरह से छुटकारा चाहती है, संघर्ष, युद्ध, हिंसा यह किसी भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकाल पाती है, इसलिए विश्व में शान्ति और अहिंसा से बढ़कर महान कुछ भी नहीं है, ऐसी शांति अहिंसा विश्व में हर जगह स्थापित हो इस दिशा में सर्वोपरि प्रयास किए जाने की आज अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है। समता पर आधारित मानवतावादी समाज की रचना हो, सबका मंगल हो , अहिंसा का पालन हो, सब जगह शांति रहे इस दृष्टी से तथागत बुद्ध के विचारों को स्वीकार किए जाने की आज के समय में अधिक जरूरत है। आज मानव मनुष्यता भूलता जा रहा है। मनुष्य ने वैज्ञानिक और माहिती तंत्रज्ञान के क्षेत्र मे अति उच्च प्रगति की है। लेकिन स्व समाधान और जीवन में से शांति खो बैठा है। इस दृष्टी से आज सही अर्थ में मनुष्य के नाते जी सके और सभी विश्व में शान्ति, बंधुभाव निर्माण हो सके इसीलिए बुद्ध धर्म समझना और उस धम्म के तत्वों का आचरण करना अत्यन्त आवश्यक है। इस हेतु यही कामना कर सकते हैं, सदा सद धम्म चिरस्थाई हो विश्व के समस्त प्राणी सदैव सुखी हो । नमो बुद्धाय, , सी डी खोबरागड़े प्रदेश संस्कार प्रमुख भारतीय बौद्ध महा सभा रायपुर छत्तीसगढ़।
आध्यात्म
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