प्रख्यात शिवकुमार शर्मा का संतूर वादन ही था कि इस वाद्य यंत्र को भी सितार और सरोद की श्रेणी में माना जाने लगा था। उन्होंने बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ जोड़ी बनाई थी, जिसे संगीत प्रेमियों के बीच शिव-हरि के नाम से जाना जाता था। दोनों ने मिलकर सिलसिला, लम्हे, चांदनी जैसे कई लोकप्रिय फिल्मों के लिए संगीत दिया था। पंडित शिवकुमार शर्मा ने महज 13 साल की उम्र में ही संतूर का वादन शुरू कर दिया था। उन्होंने मुंबई में 1955 में पहली परफॉर्मेंस दी थी। उन्हें 1991 में पद्म श्री और फिर 2001 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था।

 
 

 

 

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, सांस्कृतिक विरासत को बड़ा नुकसान

पीएम नरेंद्र मोदी ने शिवकुमार शर्मा के निधन पर शोक जताया है। ट्विटर पर श्रद्धांजलि देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक विरासत को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया था। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करता रहेगा। मैं उनके साथ अपनी मुलाकात को याद करता हूं। उनके परिवार और उन्हें चाहने वालों को ईश्वर यह दुख सहने की शक्ति दे। ओम शांति।'

Pandit Shivkumar Sharma : भारत के मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का  निधन, 84 साल की उम्र में ली अंतिम सांस | TV9 Bharatvarsh

साभार-लाइव हिन्दुस्तान