कोरोना होेने पर पांच दिन कठिन होते हैं। कोरोना पहले हमारे शरीर और फिर हिम्मत को कमजोर करता है। इस बीच यदि हिम्मत बनी रही तो, उसके बाद तबीयत में खुद-ब-खुद सुधार आने लगता है। मन में कहीं भी नकारात्मक सोच न लाएं। किसी की मौत की खबर सुनकर भावुक न होएं। मन को कठोर बनाएं। अभी कोरोना महामारी का दौर हैं। ऐसे में कई अपने-पराएं छोड़कर चले जाएंगे। इन सबके बीच हमें खुद को और परिवार को बचाना है। जो हमारे बीच हैं, उन्हें बचाना है।
सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण होने पर अधिकतम दो दिनों के भीतर कोरोना जांच अवश्य कराएं। पाॅजीटिव आने पर घबराएं नहीं। दवाईयां खाएं। ईश्वर की भक्ति करें। सकारात्मक लोगों से बात करें। साहस बनाएं रखें। किसी मदद की जरूरत हो तो अपनों से बोलने में जरा भी न हिचकिचाएं। इस दुख की घड़ी में लड़ाई हमें अकेले लड़नी है। इसलिए साहस को दोगुना कर जीना शुरू करें। हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। जल्द कोरोना हारेगा, हमारा देश जीतेगा, हम जीतेंगे।
और हां बिना जरूरी कामों के बाहर न निकले। मास्क पहने। किसी भी व्यक्ति से छह फीट की दूरी पर रहे। जो इसका पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें भी समझाएं, चमकाएं। लोग अच्छा सोचेंगे, बुरा सोचेंगे यह सोचे बगैर अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
राजू यदु -पूर्व कोरोना पीड़ित