खैरागढ़ । शिक्षा को प्रभावी एवं रोजगार मूलक बनाने के उद्देश्य से शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए छत्तीसगढ़ शासन नित नए प्रयोग कर रही है। इसी उद्देश्य के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वामी आत्मानंद विद्यालय जिसमें अंग्रेजी माध्यम एवं हिंदी माध्यम में अध्ययन एवं अध्यापन की व्यवस्था की गई है उपरोक्त विद्यालय के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है हर पालक अपने पुत्र पुत्रियों को आत्मानंद विद्यालय में प्रवेश दिलाने आतुर हैं । पालकों का रुझान स्वामी आत्मानंद विद्यालय की ओर बढ़ने से विद्यालय में प्रवेश पाने होड़ लगी हुई है। शासन के निर्देश के तहत स्वामी आत्मानंद विद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना है किंतु इस नियम विपरीत खैरागढ़ में खुले नवीन स्वामी आत्मानंद विद्यालय नियमों का पालन नहीं कर प्रवेश शुल्क के रूप में छात्र- छात्राओं से शुल्क वसूली की जा रही एवं शुल्क प्राप्त करने की रसीद भी नहीं दी रही। डोनेशन लेकर प्रवेश दिया जा रहा है इस संबंध में प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह ने अवगत कराया कि अभी तक शासन का कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया है कि प्रवेश शुल्क लेना है या नहीं किंतु जिला शिक्षा अधिकारी खैरागढ़ के कहने पर शुल्क लिया जा रहा है। प्रभारी प्राचार्य द्वारा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला खैरागढ़ में पालकों से अलग-अलग राशि ली जा रही है। इतना ही नहीं कन्या शाला में पढ़ाई पूरी कर उच्च शिक्षा कॉलेज में प्रवेश लेने की अथवा पढ़ाई छोड़ चुके छात्राओं से टीसी के लिए भी मनमानी राशि वसूली की जा रही है। प्रभारी प्राचार्य के अवैध उगाही की शिकायत किए जाने पर जांच अधिकारी के रूप में प्रभारी प्राचार्य के हित साधक प्रभारी शिक्षा अधिकारी रमेन्द्र डड़सेना छुईखदान को जांच करने का जिम्मा दिया गया।जो प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह के भाई पितांबर सिंह राजपूत को वनांचल क्षेत्र से मैदानी क्षेत्र का संकुल समन्वयक बनाया गया है जिसका समाचार प्रकाशित हुआ था । प्रभारी प्राचार्य कमलेश्वर सिंह के विरुद्ध जांच अधिकारी बनाए जाने से शिकायत की निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती