आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेन्द्रभाई मोदीजी व सम्माननीय गृहमंत्री महोदय श्री अमित शाहजी (भाजपा) ने जम्मू - कश्मीर से धारा 370 व 35-A को समाप्त करके जो साहसिक कदम उठाया है बहुत ही साहसिक व दिलखुश कर देने वाला कदम है जिसे कांग्रेस पार्टी के चंद चतुर सियारों ने (सियासतदारों ने)स्वयं के फायदे व जम्मू - कश्मीर के चंद सियासतदारों को फायदा पहुंचाने के लिए तथा एक समुदाय विशेष व अलगाववादियों को रोटी सेकने के लिए अर्थात् उनके फायदे के लिए धारा 370 व 35 -A लागू करके जम्मू - कश्मीर को नोच खाने के लिए उन्हें सौंप दिया था।
और इस प्रकार कांग्रेसियों ने एक तरह से हमारी भारतमाता का सर धारा 370 व 35 - A लागू करके (जम्मू - कश्मीर) धड़ से अलग कर ही दिया था ।
और हमारे आदरणीय व साहसी प्रधानमंत्री व गृहमंत्री महोदय ने उक्त धाराओं को सख्ती से समाप्त करके हमारी भारत माता के सर को फिर से धड़ से (देश के अन्य हिस्सों से) मजबूती से जोड़ने का जो कार्य किया है एक अत्यंत सराहनीय व साहसिक तथा भावविभोर करने वाला कदम (निर्णय) है।

कांग्रेसी राज्यसभा सदस्य गुलामनबी आजाद ने कल जो धारा 370 व 35 - A के पक्ष में वक्तव्य दिया उसके अनुसार NDA सरकार ने उक्त धाराओं को समाप्त करके देश का सर (जम्मू - कश्मीर) काट दिया है ।
जबकि NDA सरकार ने ऐसा करके कटे हुए सर को मजबूती से जोड़ा है ।
मुझे तो गुलामनबी आजाद जैसे लोगों में मोहम्मद अली जिन्ना + जवाहरलाल नेहरू का मिलाजुला रूप नज़र आता है।

 

मुगलों ने, बाद अंग्रेजों ने तो हमारी सोने की चिड़िया (भारतमाता) का एक - एक पंख नोच लिया था और अंत में 70 वर्षों तक राज करनेवाली पार्टियों ने (UPA सरकार) बचाखुचा कसर पूरा करके सोने की चिड़िया को मार डाला । जिसमें अब मोदीजी व अमितशाहजी ने फिर से जान डालने का काम किया है व अब सोने की चिड़िया में सोने का एक पंख भी निकलता हुआ दिखाई दे रहा है।

और हमारी सोने की चिड़िया में पूरी तरह से सोने के पंख फ़िर से उग आये इसके लिए मोदीजी को कुछ और साहसिक कदम उठाने होंगे जैसे कि -:
1. हमारा देश भारतवर्ष पूर्णतः आरक्षणमुक्त हो।
2. सभी धर्म, जाति व वर्ग (अमीर - गरीब)के लिये एक जैसा कानून बने।
3. हमारा देश पूर्णतः भ्रष्ट्राचार मुक्त हो । भ्रष्टाचारियों, दुष्कर्मियों व मासूमों के अपहरणकर्ताओं हेतु कठोर सजा का प्रावधान हो।

4. सभी बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके व जो स्वरोजगार करना चाहते हों उन्हें उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराकर स्थापित करके स्थायित्व प्रदान किया जाए।

 

सुबोध कुमार ठाकुर
सेवा निवृत्त शिक्षक 
जगदलपुर बस्तर संभाग